Project Bhavishya
प्रोजेक्ट भविष्य उत्तराखंड के जिला रुद्रप्रयाग में गेल (इंडिया) से वित्त पोषित है। मानव भारती सोसाइटी, देहरादून इस प्रोजेक्ट का संचालन कर रही है। आपदा प्रभावित रुद्रप्रयाग जिला के 15 विद्यालयों में थ्रीवॉश (ड्रिंकिंग वाटर, हैंडवॉश व टॉयलेट), व्यक्तिगत स्वच्छता, आईसीटी (इन्फारमेशन, कम्युनिकेशन, टेक्नोलॉजी) लैब, फर्नीचर आदि की जरूरत महसूस की गई।
मानव भारती सोसाइटी ने रुद्रप्रयाग जिला के तीनों ब्लाक अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ तथा जखोली ब्लाक के 15 स्कूलों में स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा से संबंधित संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध कराईं। शिक्षण और पढ़ाई को रूचिकर बनाने के लिए विद्याल भवनों में शिक्षापरक व विषयों से संबंधित चित्रकारी की गई। यह चित्रकारी शिक्षा विभाग की बिल्डिंग एज लर्निंग एड (बी ए एलए) के मानकों को ध्यान में रखते हुए की गई। 15 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की गई। जिन स्कूलों में सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए गए, उनका चयन रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी के आदेश पर शिक्षा विभाग ने किया। इन विद्यालयों में 4994 छात्र-छात्राएं हैं, जिनमें से 2313 बालक तथा 2681 बालिकाएं हैं। ये विद्यालय इस प्रकार हैं-
- राजकीय बालिका इंटर कालेज, रुद्रप्रयाग
- राजकीय बालिका इंटर कालेज, अगस्त्यमुनि
- राजकीय इंटर कालेज, चोपता
- राजकीय इंटर कालेज, मालतोली
- राजकीय इंटर कालेज, सिद्धसौंड़
- राजकीय इंटर कालेज,कोटबांगर
- राजकीय इंटर कालेज,बुढ़ना
- राजकीय इंटर कालेज,फाटा
- राजकीय इंटर कालेज बसुकेदार
- राजकीय इंटर कालेज, भीरी
- राजकीय इंटर कालेज, गुप्तकाशी
- राजकीय इंटर कालेज, कोठगी
- राजकीय इंटर कालेज, घंघासू बांगर
- राजकीय इंटर कालेज, चौरिया
- राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ऊखीमठ
विद्यालयों में सेनेटरी वेंडिंग मशीन, सेनेटरी इन्सीनिरेटर मशीन को इंस्टाल किया जा चुका है। साथ ही हर विद्यालय में 500-500 सेनेटरी पेड भी वितरित किए जा चुके हैं। ऐसा बेहतर स्वच्छता औऱ स्वास्थ्य के लिए किया गया।
डिजीटल प्रोग्राम, वॉश ( वाटर, सेनिटेशन और हाइजीन) प्रोग्राम, स्वास्थ्य तथा बालिका शिक्षा को लेकर जागरूकता के लिए आईईसी(सूचना, शिक्षा व संवाद) मैटिरियल वितरित किया गया।
सभी 15 चिह्नित विद्यालय भवनों में बिल्डिंग एड ए लर्निंग एड (BaLA) के मानकों को ध्यान में रखते हुए विषयों से संबंधित आकर्षक चित्रकारी की गई। इसका उद्देश्य पढ़ने और पढ़ाने को रुचिकर बनाया जा सके।
सभी 15 विद्यालयों में डिजीटल क्लास रूम स्थापित किए गए।
स्वच्छ जल के लिए सभी 15 स्कूलों में वाटर प्यूरीफायर्स लगाए गए।
पांच चिह्नित विद्यालयों की लाइब्रेरी को अपग्रेड करने के लिए किताबें और अलमारियां उपलब्ध कराई गईं।
वहीं दस स्कूलों को उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए फर्नीचर तथा ग्रीन बोर्ड प्रदान किए गए।